Friday, February 27, 2015

प्रोग्रामिंग क्या है:2015

प्रोग्रामिंग क्या है: 
 सामान्य जीवन में हम किसी कार्य विशेष को करने का निश्चय करते हैं तो उस कार्य को करने से पूर्व उसकी रूपरेखा सुनिश्चित की जाती है। कार्य से सम्बन्धित समस्त आवश्यक शर्तों का अनुपालन उचित प्रकार हो एवं कार्य में आने वाली बाधाओं पर विचार कर उनको दूर करने की प्रक्रिया भी रूप रेखा तैयार करते समय महत्वपूर्ण विचारणीय विषय होते हैं। कार्य के प्रारम्भ होने से कार्य के सम्पन्न होने तक के एक-एक चरण (step) पर पुनर्विचार करके रूपरेखा को अन्तिम रूप देकर उस कार्य विशेष को सम्पन्न किया जाता है। इसी प्रकार कम्प्यूटर द्वारा, उसकी क्षमता के अनुसार, वांछित कार्य कराये जा सकते हैं। इसके लिए आवश्यकता है कम्प्यूटर को एक निश्चित तकनीक व क्रम में निर्देश दिए जाने की, ताकि कम्प्यूटर द्वारा इन निर्देशों का अनुपालन कराकर वांछित कार्य को सम्पन्न किया जा सके। सामान्य बोल-चाल की भाषा में इसे प्रोग्रामिंग कहा जाता है।



कम्प्यूटर को निर्देश किस प्रकार दें: कम्प्यूटर को निर्देश योजनाबद्ध रूप में, अत्यन्त स्पष्ट भाषा में एवं विस्तार से देना अत्यन्त आवश्यक होता है। कम्प्यूटर को कार्य विशेष करने के लिए एक प्रोग्राम बनाकर देना होता है। दिया गया प्रोग्राम जितना स्पष्ट, विस्तृत और सटीक होगा, कम्प्यूटर उतने ही सुचारू रूप से कार्य करेगा, उतनी ही कम गलतियां करेगा और उतने ही सही उत्तर देगा। यदि प्रोग्राम अस्पष्ट होगा और उसमें समुचित विवरण एवं स्पष्ट निर्देश नहीं होंगे तो यह सम्भव है कि कम्प्यूटर बिना परिणाम निकाले ही गणना करता रहे अथवा उससे प्राप्त परिणाम अस्पष्ट और निरर्थक हों। कम्प्यूटर के लिए कोई भी प्रोग्राम बनाते समय निम्न बातों को ध्यान में रखना आवश्यक है:
  • समस्या का सावधानीपूर्वक अध्ययन करके निर्देशों को निश्चित क्रम में क्रमबद्ध करना।
  • निर्देश इस प्रकार लिखना कि उनका अक्षरशः पालन करने पर समस्या का हल निकल सके। 
  • प्रत्येक निर्देश एक निश्चित कार्य करने के लिए हो।

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